The Author

Avinash Kumar is a consultant who has offered professional advice to Fortune 100 clients across their Global locations. He was always attracted towards and ispired by the teaching of Gita.

He began studying Gita almost two decades back, and slowly started to enjoy and revel in its philosophy. As he interacted with more readers of Gita, he realised that several people commence their journey into Gita, but give up much too soon, overwhelmed and often intimidated by its esoteric mold. Slowly and slowly, the conviction to craft an easy to comprehend version of Gita started building within him, and in last ten years, he devoted himself to reproducing Gita in a Simple, hindi poetic form. The idea was to present a version of Gita that is easily understood and also able to retain interest.

Sahaj Gita is culmination of his several years of commitment and cimplete surrender to the Divine, that chose him for this noble task.

अविनाश कुमार विश्व की प्रमुख बहु-राष्ट्रीय कंपनियों में बतौर सलाहकार कार्यरत रहे हैं।

गीता में आपकी रुचि प्रारंभ से ही रही है।आपने लगभग दो दशक पहले गीता का अध्ययन करना शुरू किया और शनै: शनै: उसमे आपकी रुचि बढ़ने लगी। गीता पढ़ते हुए उनका संपर्क ऐसे कई लोगों से हुआ, जो गीता में रुचि रखते थे, जिन्होंने गीता पढ़ने भी शुरू की, किंतु बहुत ही जल्दी उसे पढ़ना छोड़ भी दिया – कारण था गीता का अत्यंत ही गूढ़ और दार्शनिक होना।

तभी आपको विचार आया कि क्यों ना संपूर्ण गीता को एक सरल, सहज भाव में प्रस्तुत किया जाये जिससे सभी लोग उसके ज्ञान को आसानी से समझ पाएँ। क़रीब १० साल पहले आपने गीता को पढ़ना, समझना और सरल भाषा में लिखना प्रारंभ किया और उसको सरल हिन्दी कविता रूप में बदल दिया – ताकि पढ़ते समय, पाठक की रुचि भी बनी रहे। सहज गीता आपके उसी अथक परिश्रम का परिणाम है, जिसके लिये विधि ने उन्हें निमित्त बनाया।